बीएचयू (BHU) नाम तो सुना ही होगा जी हां आज हम बीएचयू अर्थात बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (Banaras Hindu University) के बारे में चर्चा करेंगे। यह बनारस में स्थित है जैसा कि आपको नाम से ही पता चल रहा होगा। बीएचयू( BHU) में दूर-दूर से बच्चे पढ़ने की इच्छा से यहां आते हैं। बीएचयू में पढ़ना कौन नहीं चाहता हर छात्र चाहता है कि उसका एडमिशन बीएचयू में हो ताकि वह बनारस को जान पाए बनारस के घाटों पर घूम पाए अपनी जिंदगी को एक अलग तरीके से जी पाए। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय भारत की विश्वविद्यालयों में से एक है। हर छात्र यहां से पढ़ किया जाता है कि वह अपना अपने देश का तथा बीएचयू का नाम रोशन करें। BHU के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए इसे पूरा पढ़ें..
जब जब भी बीएचयू का नाम चलता है तो मदन मोहन मालवीय का नाम जुबान पर अपने आप ही आ जाता है। जी हां बीएचयू की स्थापना मदन मोहन मालवीय ने सन् 4 फरवरी, 1916 की।
यह एक महान स्वतंत्रता सेनानी, पत्रकार, और समाज सुधारक एक महान व्यक्तित्व के थे। इन्होंने अपनी अंतिम सांस बनारस में 12 फरवरी 1916 को ली। मदन मोहन मालवीय का जन्म 25 दिसंबर 18 61 में इलाहाबाद में हुआ था। इन्होंने कोलकाता विश्वविद्यालय से पढ़ाई की थी। पहले इन्होंने शिक्षक के तौर पर नौकरी की। इसके बाद उन्होंने वकालत की और फिर यह न्यूज़ पेपर के एडिटर बने। इन्होंने कांग्रेस के कई अधिवेशन की अध्यक्षता भी की थी। उन्होंने 1909, 1913, 1919 और 1932 की कांग्रेस के अधिवेशन की थी।
मदन मोहन मालवीय जी ने सविनय अवज्ञा आंदोलन तथा असहयोग आंदोलन में सहभागिता निभाई थी जो गांधी जी द्वारा नेतृत्व था। गांधी ने मालवीय जी को महामना की उपाधि दी थी वह मालवीय जी को अपना बड़ा भाई मानते थे। मालवीय जी ने सत्यमेव जयते को लोकप्रिय बनाया। जो बाद में चलकर राष्ट्रीय आदर्श वाक्य बना और इसे राष्ट्रीय प्रतीक के नीचे अंकित किया गया हालांकि यह कई साल पुराने उपनिषदों में लिखा गया था। 1918 में कांग्रेस अधिवेशन में उन्होंने पहली बार इस वाक्य का प्रयोग किया था।
कहते हैं कि बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (Banaras Hindu University) की स्थापना के लिए मदन मोहन मालवीय जी ने पूरे देश का भ्रमण किया था। ऐसा कहा जाता है कि जब मदन मोहन मालवीय जी को विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए जमीन की आवश्यकता पड़ी तो वह काशी के राजा काशी नरेश के पास गए। इन्होंने काशी नरेश से कहा कि हे राजा! मुझे विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए जमीन चाहिए। काशी नरेश ने उनसे कहा कि मैं आपको उतना ही जमीन दूंगा जितना आप सुबह से शाम तक अपने पैरों से नाप लोगे। मालवीय जी विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए सुबह शाम चलते रहें तथा 1360 एकड़ जमीन काशी नरेश से ले ली थी।
कुछ लोगों का यह भी कहना है कि काशी नरेश ने मालवीय जी को स्वयं आमंत्रण किया था जमीन देने के लिए। उन्होंने मालवीय जी को 11 गांव, 70 हजार पेड़, 100 पक्के कुएं, 20 कच्चे कुएं, 40 पक्के मकान, 800 कच्चे मकान, एक मंदिर तथा एक धर्मशाला दान में दिया।
बीएचयू (BHU) निर्माण के लिए एक हिस्सा बहुत ही महसुर है ऐसा कहा जाता है कि बीएचयू के निर्माण के लिए मदन मोहन मालवीय जी देश भर से चंदा इकट्ठा करने के लिए निकल पड़े थे। इसी दौरान मालवीय जी हैदराबाद के निजाम के पास मदद मांगने के लिए पहुंच गए। उन्होंने निजाम से कहा कि वह बनारस में यूनिवर्सिटी बनाने के लिए उन्हें आर्थिक मदद प्रदान करें परंतु निजाम ने मदद करने से साफ इनकार कर दिया। निजाम ने बदतमीजी से बात करते हुए कहा कि दान में देने के लिए उनके पास सिर्फ जूते हैं।
मालवीय जी वैसे तो बहुत ही सरल स्वभाव के थे परंतु निजाम के इस बदतमीजी के लिए उन्होंने उसको सबक सिखाने की ठान ली। फिर क्या हुआ मालवीय जी ने निजाम की जूते ही उठा लिया और फिर उन्होंने उस जूते को बाजार में नीलाम करने की कोशिश की। पर जब यह बात निजाम को पता लगी तो वह सोचे कि यह मेरी इज्जत नीलाम करने की कोशिश कर रहा है। और फिर निजाम ने अपनी इज्जत बचाने के लिए मालवीय जी को बुलाकर उन्हें भारी-भरकम दान किया।
अंग्रेजों के दौर में एक स्वदेशी विश्वविद्यालय की स्थापना बहुत ही बड़ी बात थी। जो मदन मोहन मालवीय जी ने कर दिखाया था। मालवीय जी ने विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए चंदे के लिए पेशावर से लेकर कन्याकुमारी तक यात्रा की थी। उन्होंने एक करोड़ 64 लाख की रकम जमा कर ली थी।
बताया जाता है कि बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (Banaras Hindu University) की पहली कल्पना दरभंगा नरेश कामेश्वर सिंह (Darbhanga Naresh Kameshwar Singh)ने की थी। बनारस में विश्वविद्यालय की स्थापना का सपना कई लोगों ने देखा था। प्रयागराज में कुंभ मेले के दौरान इस प्रस्ताव को सबके सामने लाया गया था। उस समय मालवीय जी ने विश्वविद्यालय के निर्माण के 1 करोड़ रुपए और जमा करने का प्रयास कर रहे थे। 1915 में पूरा पैसा जमा कर लिया गया। 5 लाख गायत्री मंत्रों के साथ भूमि पूजन हुआ तथा इसके साथ ही विश्वविद्यालय के निर्माण का कार्य आरंभ हुआ।
इनका एक और सपना था कि बनारस की तरह ही शिमला में भी एक विश्वविद्यालय खोला जाए। हालांकि उनका यह सपना पूरा नहीं हो सका। भारत की आजादी के लिए मालवीय जी ने 50 साल तक कांग्रेस के साथ रहे। इनका सपना था भारत को आजाद देखना परंतु यह स्वतंत्रता प्राप्ति से पहले ही स्वर्ग को प्राप्त हो गए हैं। मरणोपरांत इन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
मेरे नौ निहाल तुम ढाल बनो देश की चाल वन चरित्र की लाज गुरु वेष की स्वर्ग के राज्य को धरा पर उतार दो हो रहे विरूप जो उनको नव श्रृंगार दो श्रृंगार को संवार दो निखार को उभार दो निषेध को नकार दो विधि को फिर प्रचार दो सीमनें उधेड़ दो छद्द रूप वेष की मेरे नौ निहाल तुम..
– बनारस 🥹🫶
वैसे तो छात्र किसी भी कॉलेज में पढ़ाई कर सकते हैं तथा किसी भी स्थिति में एडमिशन ले सकते हैं परंतु बीएचयू में पढ़ने का कुछ अलग ही फायदा होता है तो आइए हम जानते हैं कि बीच में पड़ने के क्या-क्या फायदे हो सकते हैं। आज हम आपको भी अच्छे से पढ़ने के 5 फायदे के बारे में बताएंगे।
- बीएचयू में पढ़ने के बाद आपको बहुत अच्छी placement मिलेगी अर्थात आपको बहुत ही अच्छी नौकरी मिलेगी।
- बीएचयू में हॉस्टल की सुविधा बहुत ही अच्छी होती है।
- बीएचयू में पढ़ाई की सुविधा टॉप लेवल की होती है आपको इसमें एब्सेंक्ट करना नहीं होता है अगर आपने एब्सेंट किया तो आपको एग्जाम देने नही दिया जाएगा। Oxford लेबल की पढ़ाई यहां होती है।
- अगर आपने बेचू से पढ़ लिया तो आपका जो रुतबा होगा वह किसी और कॉलेज से पड़ने पर नहीं होगा। आप खुद सोचो अगर आपने भी अच्छे से पढ़ाई किया तो आप कहीं गए और आप का कितना रूतबा होगा।
- बीएचयू के हॉस्टल, यहां की पढ़ाई तथा बीएचयू की हर सुविधा टॉप लेवल की है अगर आपने यहां से पढ़ लिया तो आपकी लाइफ बन जाएगी।
अब हम यह जानेंगे कि बीएचयू में एडमिशन कैसे ले? इसके एग्जाम का प्रोसेस क्या है? बीएचयू में किस किस क्लास में एडमिशन होता है? इसका फॉर्म कब आता है? फॉर्म को कैसे भरा जाता है तथा एंट्रेंस एग्जाम कैसे दे तथा एंट्रेंस एग्जाम निकलने के बाद इस में एडमिशन की प्रक्रिया?
इन सारे प्रश्नों का उत्तर हम आपको देंगे तथा इन सारे प्रोसेस को आपको बताएंगे। आपको बीएचयू में पढ़ने के लिए कब कैसे क्या करना है यह जानने के लिए इसे पूरा पढ़ें –
प्रिय पाठको आपको बीएचयू (BHU) में पढ़ने के लिए एक एंट्रेंस फॉर्म को फिल करना होगा तथा उस एंट्रेंस एग्जाम को पास करना होगा। एंट्रेंस एग्जाम का फॉर्म हर साल आता है। अगर आपने इंटरेस्ट एग्जाम को पास कर लिया तो उस कॉलेज के द्वारा आपको एक ऑफर लेटर आता है। उस कॉलेज में जाने के बाद सबसे पहले आपकी काउंसलिंग होगी और उस काउंसलिंग में आपके पास जितने भी डाक्यूमेंट्स है उसकी जांच होगी। इसके बाद इस विश्वविद्यालय के आधार पर आपका एडमिशन इसमें हो जाएगा।
प्रिय पाठक अध्यक्षों में सिक्स क्लास से लेकर पीएचडी डिग्री तक प्राप्त कर सकते हैं। अगर आपको 6, 9 तथा 11 में एडमिशन लेना है तो आपको CHS का इंटरेस्ट एग्जाम देना होगा उसके बाद ही आपका इन कक्षाओं में एडमिशन हो पाएगा।
प्रिय पाठक यदि आपको 12 के बाद UG में अपना एडमिशन बीएचयू करवाना चाह चाहते हैं तो तो GC वालों को हर सब्जेक्ट में 50% लाना अनिवार्य है चाहे वह किसी भी विषय से अध्ययन किया हो तथा यहां पर SC, ST वालों के लिए कोई बाध्यता नहीं है। यदि आप OBC या विकलांग हो तो आपको 5% परसेंट की छूट होती है। परंतु इसमें उम्र की बाध्यता है यदि आप UG के लिए फॉर्म अप्लाई किए हो तो आपकी उम्र 22 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।
यदि आपको यहां से PG करना है तो आप किसी भी सब्जेक्ट से हो तो आपको 50% जनरल वालों को चाहिए तथा एससी एसटी वालों के लिए बस पासिंग मार्क्स जरूरी है। इसमें कोई एज लिमिट नहीं है।
प्रिय पाठक अगर आपको 6, 9 या 11 क्लास में एडमिशन चाहते हो तो इसका फॉर्म फरवरी में आता है। यदि आप UG या फिर PG में एडमिशन चाहते हो तो इसका फॉर्म हर साल जनवरी के लास्ट तक आ जाता है तो आप जनवरी में इस फॉर्म के लिए अप्लाई करके एंट्रेंस एग्जाम देकर बेचू में एडमिशन ले सकते हो।
मैं आपको बता दूं कि आपने जिस भी एट्रेंस एग्जाम का फॉर्म फिल किया है उसके एग्जाम डेट से ठीक 1 हफ्ते पहले ही एडमिट कार्ड आ जाता है।
हर साल एक इसका एग्जाम अप्रैल से लेकर मई तक के महीनों में हो जाता है तथा इस एग्जाम का रिजल्ट अगले 1 महीने के अंदर ही आ जाता है। अपना रिजल्ट देखने के लिए आप वेबसाइट पर चेक करते रहिए कभी भी आपका 1 महीने के अंदर रिजल्ट आ सकता है।
प्रिय पाठको आप जिस भी सब्जेक्ट से पढ़ना चाहते हो उस सब्जेक्ट का इस एग्जाम के लिए एक इंट्रेंस बुक आता है जिसे आप खरीद कर उसे मैं से पढ़ाई कर कर अपनी तैयारी को मजबूत कर सकते हो। अगर आपसे स्टडी करने में सक्षम हो तो आप खुद से पढ़ाई करो परंतु अगर आपको यह बुक नहीं समझ आती है तो आप अपने पास के ही कोचिंग में संपर्क करो तथा अच्छे से अच्छे इंस्टिट्यूट में जाकर पढ़ाई करो ताकि आप बिच्छू का एंट्रेंस एग्जाम निकाल सको और आपका भविष्य उज्जवल हो सके।
रिपोर्ट को बीएचयू (BHU) में भी कई सारे कॉलेज है परंतु हम आपको भूल चुके कुछ प्रसिद्ध कॉलेज के बारे में बताएंगे। बीएचयू के तहत 5 कॉलेज टॉप पर हैं तो आइए इन सब का नाम जानते हैं।
banaras Hindu University BHU
- Faculty Of Management Studies, Banaras Hindu University (FMSBHU), Varanasi
- Banaras Hindu University (Main Campus)
- Faculty Of Law (FL), Varanasi
- DAV Post Graduate College, Varanasi
- Institute Of Medical Sciences (IOMS), Varanasi
Pov: Your Love Is BHU🥹🫶
999+ Top Banaras Shayari Quotes Status | बनारस शायरी स्टैट्स
Famous Ghats of Varanasi :- वाराणसी के प्रसिद्ध घाट तथा उनका इतिहास? महादेव ने बसाया था बनारस.
100+ Kashi Vishwanath Shayari| काशी विश्वनाथ शायरी हिन्दी में😍
Interesting GK Questions – ऐसा क्या है जो हमेशा आता है लेकिन पहुंचता कभी नहीं…
महादेव मेरी Mohabbat का ध्यान रखना क्योंकिउससे अपना ख्याल नहीं रखा जाता और मैं उससे…
Ghats of Banaras:- वाराणसी में घाट नदी के किनारे कदम हैं जो गंगा नदी के…
Culture and food of Banaras:- वाराणसी, भारत की धार्मिक राजधानी जिसे "बनारस" या "बनारस" या…