10 Amazing Facts Of Kashi | काशी के बारे में 10 अद्भुत रहस्य
काशी के बारे में 10 अद्भुत रहस्य (10 Amazing Facts Of Kashi) के इस ब्लॉग पोस्ट में आपका स्वागत है।आज हम आपको काशी से जुड़े 10 अद्भुत रहस्य ऐसे रहस्य को बताएंगे जिसे पढ़कर आप चौंक जाएंगे।
गंगा तट पर बसी काशी बड़ी पुरानी नगरी है। इतने प्राचीन नगर संसार में बहुत नहीं हैं। वाराणसी का मूल नगर काशी था। यह विश्व की सबसे प्राचीन नगरी है जिससे शंकर भगवान ने अपने त्रिशूल पर धारण किया हुआ है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार जब भी कोई आपदा आती है तो शिवजी इसे अपने त्रिशूल से उठा देते हैं तथा समस्या टल जाने के बाद पुनः इसे स्थापित कर देते हैं। ये हिन्दुओं की पवित्र सप्तपुरियों में से एक है। स्कन्द पुराण, रामायण एवं महाभारत सहित प्राचीनतम ऋग्वेद में नगर का उल्लेख आता है।
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काशी अपनी सुंदरता तथा अपने घाटों की वजह से हमेशा चर्चाओं में रहता है। काशी विश्वनाथ मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। शिव और काल भैरव की यह नगरी अत्यंत ही अद्भुत है जिसे सप्तपुरी मे शामिल किया गया है। तो आज हम आपको Amazing Facts Of Kashi के बारे में बताएंगे जिसे आप जानकर हैरान हो जाएंगे। तो आइए जानते हैं बाबा विश्वनाथ के 10 रहस्य के बारे में।
10 Amazing Facts Of Kashi | काशी के बारे में 10 अद्भुत रहस्य
शिव के त्रिशूल पर बसी काशी- सनातन धर्म पौराणिक कथाओं के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि काशी नगरी गंगा किनारे भगवान शिव के त्रिशूल पर बसी हुई है। जहां 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक काशी विश्वनाथ विराजमान है। पतित पावनी भागीरथी के किनारे त्रिशूल की नोक पर बसी हुई यह काशी नगरी वास्तव में पापनाशिनी हैं। अर्थात यहां पापों का नष्ट होता है। भोलेनाथ को यह नगरी अत्यंत प्रिय है इसलिए उन्होंने इसको अपना राजधानी तथा अपना नाम काशीनाथ रखा हुआ है।
विष्णु की पुरी – ऐसा कहा जाता है कि यह नगरी पहले भगवान विष्णु की नगरी थी। जहां पर श्री हरि के हर्षित आंसू गिरे थे जहां पर बिंदु सरोवर बन गया और प्रभु यहां बिंदु माधव के नाम से प्रसिद्ध हुए। शिव जी को यह नगरी इतनी अच्छी लगी कि उन्होंने विष्णु जी से इस नगरी को अपने निवास स्थान के रूप में मांग लिया। तब से शिव जी हां पर विद्वान है श्री काशी विश्वनाथ जी के रूप में। यह हिंदुओं का एक पवित्र तीर्थ स्थल है। कहते हैं कि भगवान विष्णु ने एक पुष्कर्णी का निर्माण किया और लगभग 50 वर्षों तक वह यहां घोर तपस्या करते रहे।
ध्वस्त किया गया था यहां का मंदिर – चीनी यात्री ह्वेनसांग के अनुसार उसके समय में काशी में 100 मंदिर थे परंतु मुगल शासकों द्वारा खासकर औरंजेब द्वारा वह ध्वस्त कर दिए गए। मंदिरों को ध्वस्त करने के उपरांत वहां पर मस्जिदों का निर्माण किया गया। ईसापुर 11 वीं सदी में राजा हरिश्चंद्र जी ने जिस काशी विश्वनाथ का पुनर्निर्माण करवाया था फिर उसका निर्माण राजा विक्रमादित्य ने करवाया था। परंतु 1154 में मोहम्मद गोरी ने इसको लूटने के बाद इसको तुड़वा दिया था। इतिहासकारों के अनुसार इस मंदिर को 1154 में मोहम्मद गौरी द्वारा तोड़ा गया था इसका पुनः निर्माण किया गया परंतु 1447 में इसे जौनपुर के सुल्तान महमूद शाह द्वारा फिर से तोड़ दिया गया। पुणे 1585 ईस्वी में राजा टोडरमल की सहायता से फिर से एक भव्य मंदिर का निर्माण किया गया। इस मंदिर को पुनः 1632 में शाहजहां ने सैनिकों को आदेश देकर इसे तोड़ने के लिए भेजा लेकिन हिंदुओं के आक्रोश के कारण वह मंदिर को तो नहीं तोड़ पाए परंतु काशी के अन्य 63 मंदिर तोड़ दिए गए। एक बार फिर 1669 को मुगल शासक औरंगजेब ने काशी विश्वनाथ को ध्वस्त करने का फरमान जारी किया यह फरमान आज भी कोलकाता के लाइब्रेरी में सुरक्षित है। औरंगजेब के आदेश पर यहां का मंदिर तोड़कर वहां पर एक ज्ञानवापी मस्जिद बनाई गई।
काशी के कोतवाल – भैरवनाथ शिव के गढ़ और पार्वती के अनुचर माने जाते हैं। काशी के द्वारपाल के रूप में भैरवनाथ सदैव काशी की सुरक्षा करते हैं। भैरवनाथ को स्वयं भोलेनाथ ने द्वारपाल के रूप में नियुक्त किया था। उल्लेख है कि शिव के रूद्र से भैरव की उत्पत्ति हुई है। मुख्यतः दो भैरव की पूजा का प्रचलन है एक काल भैरव तथा दूसरे बटुक भैरव।
काशी में मिलता है मोक्ष – पौराणिक कथाओं के अनुसार ऐसा माना जाता है कि मृत्यु के उपरांत से महादेव उसे मोक्ष का मंत्र बताते हैं तथा मोक्ष प्राप्ति करवाते हैं। इसलिए अधिकतर लोग अपने जीवन का अंतिम समय बिताने के लिए काशी चले आते हैं। काशी कई शताब्दियों से हिंदू तीर्थ स्थल माना जाता है। शास्त्र अनुसार जो व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो व्यक्ति की अस्थियों को यहीं पर गंगा में विसर्जित किया जाता है। यह नगर सप्तम मोक्ष नगरी में से एक है।
भारत का सबसे प्राचीन शहर काशी – पौराणिक कथा इतिहास दृष्टि से दुनिया का सबसे प्राचीन शहर वाराणसी यानी बनारस या फिर काशी है। दुनिया ना माने तब भी यह भारत का सबसे प्राचीन शहर है। इसमें लोगों के रहने के साक्ष्य 3000 साल से भी पुराने हैं। हालांकि कुछ विद्वान इसे 5000 साल पुराना मानते हैं। परंतु हिंदू धर्म में मिलने वाले उल्लेख के अनुसार या अत्यधिक पुराना शहर है। इसका उल्लेख महाभारत, उपनिषदों तथा रामायण आदि में भी मिलता है।
महात्माओं और संतो की नगरी – बौद्ध तथा जैन धर्म का भी एक पवित्र स्थल है। तुलसीदास जी ने यहीं पर अस्सी घाट पर रामचरितमानस की रचना की थी। कबीर दास जी ने यहीं पर बैठकर अपने संदेश को पूरी दुनिया में फैलाय। इस तरह काशी महात्माओं तथा संतों की नगरी कही जाती है। प्राचीन काल से ही लोग संस्कृत पढ़ने के लिए काशी आया करते थे तथा यहां पर संस्कृत का एक विश्वविद्यालय भी है।
बनारसी पान और साड़ी पूरी दुनिया में प्रसिद्ध – काशी का बनारसी पान तथा बनारसी साड़ी केवल भारत में ही नहीं बल्कि विश्व में प्रसिद्ध है। यहां कब बनारस हिंदू विश्वविद्यालय भी विश्व भर में प्रसिद्ध है। यहां के लोग भी अद्भुत होते हैं जिन्हें बनारसी बाबू कहते हैं। बनारसीयों का व्यवहार बहुत ही मीठा तथा ज्ञान पूर्ण होता है। दिमाग के बहुत ही चतुर होते हैं या बनारसी बाबू। देखा जाए तो बनारस से नेता, अभिनेता, संगीतकार, गीतकार, नृत्यकार की नगरी है।
उत्तरकाशी भी एक काशी – उत्तरकाशी को भी एक छोटा काशी कहा जाता है उत्तराखंड राज्य में है। उत्तरकाशी ऋषिकेश जिले का मुख्य स्थान है। उत्तरकाशी सदियों से ही साधु-संतों की एक तपस्या स्थली रही है। दुनिया भर के लोग यहां पर वेदों का ज्ञान लेने के लिए आते हैं। महाभारत के अनुसार एक साधु ने यहां पर घोर तपस्या की थी।
संगीत घरानों की नगरी – वाराणसी के घरानों की संगीत की दृष्टि में एक अपनी अलग ही शैली है। सनी 1124 में इस नगरी को शहाबुद्दीन गौरी ने लुटा। मुगल काल में इसका नाम बदलकर मुहम्मदाबाद रखा गया।
काशी की क्या विशेषता बताई गई है?
काशी को सबसे प्राचीन शहर माना जाता है जो भगवान शिव के त्रिशूल पर स्थापित है।
काशी क्या है
कहते हैं जो अबोध से भी वेद पढ़वा दें वो है काशी ❤️🚩
इस ब्लॉग पोस्ट को अंत तक पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद आशा करते हैं इस पोस्ट काशी के बारे में 10 अद्भुत रहस्य (10 Amazing Facts Of Kashi) जानकर काशी से जुड़े जानकारी मिली होगी। अगर आपको अच्छा लगा तो अपने दोस्तों और परिवार के साथ जरूर शेयर करें।
Kanchan Verma is the Author & Founder of the https://frontbharat.com
She is pursuing graduation from Banaras (UP) . She is passionate about Blogging & Digital Marketing.