Jaya Kishori Vs Palak Kishori :- देश की प्रसिद्ध कथावाचक जया किशोरी के अलावा इन दिनों एक और कथावाचक की खूब सुर्खियों में है। जिसकी तुलना Jaya Kishori से हो रही है। हम बात कर रहे हैं पलक किशोरी का जो जया किशोरी की तरह कथावाचक है जो अपनी मधुर वाणी और सुंदर मुस्कान से लाखों लोगों को भक्तों को भक्ति के रस में डुबा दिया है। दरअसल उनके सुर्खियों में रहने कारण है कि वो बिल्कुल प्रसिद्ध कथावाचक जया किशोरी की तरह दिखती है। यही कारण है कि सोशल मीडिया पर इन दिनों पलक किशोरी खुब वायरल हो रही है। Jaya Kishori Vs Palak Kishori , पलक किशोरी की चेहरा और बोलने का अंदाज बिल्कुल प्रसिद्ध कथावाचक जया किशोरी से मिलता है। इसलिए भक्त इनकी तुलना जया किशोरी से करने लगे हैं.
प्रसिद्ध कथावाचक जया किशोरी आज किसी परिचय का मोहताज नहीं है वे लंबे समय से भक्ति कर रही है और सोशल मीडिया पर भी काफी सक्रिय हैं। इसलिए उनके करोड़ों फॉलोअर्स हैं. जया किशोरी अभी 27 साल की हैं। वहीं, पलक किशोरी अभी इस कथा के क्षेत्र में नयी है और अभी सिर्फ 17 साल की हैं, लेकिन उनकी कहानी कहने की कला और सधी हुई शैली किसी पेशेवर कहानीकार से कम नहीं है। जया किशोरी का जन्म राजस्थान में हुआ है और पलक किशोरी का जन्म मध्य प्रदेश में हुआ था। जया किशोरी का जन्म 13 अप्रैल 1995 को राजस्थान के सुजानगढ़ में हुआ था, जबकि पलक मिश्रा यानी पलक किशोरी का जन्म 24 दिसंबर 2005 को राजस्थान के रीवा के रहने वाले और वकील सतीश मिश्रा के घर पर हुआ था। जया किशोरी की बहन का नाम चेतना शर्मा है। दोनों ने साथ में भजन भी गाते हैं. वहीं पलक किशोरी की दो बड़ी बहनें अपराजिता और अदिति और भाई मानस हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स खबरों के मुताबिक, पलक किशोरी को भी जया किशोरी की तरह बचपन से ही घर का धार्मिक माहौल मिला था इसलिए उनका रुझान मंडली, पूजा-पाठ और धार्मिक पुस्तकों पढ़ने से उनके ज्ञान तेजी से बढ़ा। पलक अपने बड़े पापा से जो भी कहानी सुनती, उसे अपनी दादी, मां और बड़ी मां को सुनाने की कोशिश करती रही इस तरह धीरे-धीरे पलक का रुझान पूरी तरह आध्यात्मिक और धार्मिक के तरफ बढ़ता गया।
पलक किशोर किशोरी की शिक्षा की बात करें तो वे 12वीं कक्षा की छात्रा है। पलक किशोरी श्रीमद्भागवत कथा और श्री कृष्ण कथा सुनाती हैं। अगर किसी भी या किसी कथा का अर्थ समझाने में वो असमर्थ होती है तो उसे अंग्रेजी भाषा में प्रेरक टिप्पणियाँ देती हैं, उसमें हिन्दी और अंग्रेजी भाषा और काव्य क्षमता की झलक साफ़ साफ़ दिखाई देती है।
कथावाचक पलक किशोरी अब तक दो भागवत कथाएं और भगवान कृष्ण पर तीन प्रवचन दें चुकी हैं. कोरोना काल में पलक किशोरी को लगा कि उन्हें लोगों को भगवान की भक्ति से जोड़ने के लिए अधिक समय देना चाहिए. इसके बाद उन्होंने वर्ष 2021 में पलक ने रीवा के बांके बिहारी मंदिर में जया किशोरी की तरह बड़े ही शानदार अंदाज में लोगों को भगवान की कथा सुनाई शुरू कर दिया. इसके बाद पलक किशोरी की चर्चा रीवा संभाग से लेकर पुरे मध्य प्रदेश और पूरे देश में धीरे धीरे होने लगी. यहीं कारण है कि पलक किशोरी के अब तक पुरे विश्व में कार्यक्रम हो चुके हैं।
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