Indian History

Indian Freedom History 1947:- 1947 भारत की आज़ादी या इसके टुकड़े करने की थी साजिश..

Indian Freedom History 1947:- 1947 हमारी आज़ादी के साथ साथ हमारे टुकड़े भी कर गया जानिए आखिर 1947 में ही अंग्रेज़ देश छोड़ कर क्यों गए वो पहले भी जा सकते थे जब मंगल पांडे ने स्वतंत्रता आंदोलन शुरू किया था। या फिर उसके बाद भी कई आंदोलन हुए तब भी वो जा सकते थे। हमारी आज़दी नहीं अंग्रेजों की सोची समझी साजिश…

  • अंग्रेज भारत कब और क्यों आए: भारत में सबसे पहले आना वाले अंग्रेज का नाम थामस स्टीफंस था जो जेसुएट पुजारी और मिसनरी था। इसके बाद 1757 में अंग्रेज भारत में अधिक से अधिक व्यापार करके यहां से पैसा हड़पने आए।
  • अंग्रेजो ने भारत को गुलाम कैसे बनाया: अंग्रेज़ व्यापार के साथ साथ भारत में भ्रमण भी कर रहे थे। उन्होंने जब भारत की स्थिति देखी की यह जातिवाद और धर्मवाद है तो उनको लगा भारतीय पर राज करना आसान होगा क्योंकि इनकी यही नीति थी “फूट डालो और राज करो”।

अंग्रेजो को भारत को छोड़कर जाने की मजबूरी क्या थी?

हमें लगता है की हमने अंग्रेजो को हरा कर भारत से भागा दिया था। परंतु आप यह नहीं जानते की भारत को छोड़ कर जाना अंग्रेजो की मजबूरी थी। क्योंकि अब वह भारत पर शासन नहीं चला सकता था। इसकी वजह थी द्वितीय विश्व युद्ध। जी हां “Second World War” यह 1939 से 1945 तक चला। जिसमे कई देश तथा रियासत के साथ साथ ब्रिटेन भी शामिल था। द्वितीय विश्व युद्ध में अंग्रेजों की सारी हथियार खत्म हो गई। ब्रिटेन कमजोर पड़ गया जिसकी वजह से अब वह भारत पर शासन करने में असमर्थ था। अंग्रेजो ने भारत के कार्य कर्ताओं से कह दिया की हम 1947 को देश छोड़ कर चले जायेंगे। आप अपना संविधान निर्माण शुरू कर दो।

Full Story of Indian Freedom History 1947

अंग्रेज जाते जाते भी भारत को नहीं छोड़ा इन्होंने बहुत भयंकर चाल चली। ये लोग चाहते थे कि भारत के लोग हमारे जाने के बाद भी आपस में लड़ते रहे। और ठीक वैसा ही हो रहा था पर हमारे महान नेताओं ने सब कंट्रोल में किया। अंग्रेजों ने एक नीति बनाई की जिसे इंडिया में रहना वो इंडिया में रहे जिसे पाकिस्तान में रहना वो पाकिस्तान में रहे या फिर वो चाहें तो अपना स्वतंत्र देश घोषित कर सकता हैं। जिसकी वजह से जूनागढ़, हैदराबाद, कश्मीर, मणिपुर, अपना स्वतंत्र देश चाहते थे। जो भारत के लिए खतरा था। हम भारत को कैसे टूटने से सकते थे। इन सब राज्यों का भारत में विलय कराने का श्रेय “Sardar Vallabhbhai Patel” को जाता है। इसीलिए इनको Iron Man कहा जाता है।

अंग्रेज पूरी साजिश रचके गए थे कि हम तो जा रहे हैं पर भारत के लोगों को सुख शांति से जीने नहीं देंगे।

इंडिया पाक के बटवारे के समय का दृश्य।

पंजाब में रहने वाले लोगों को तो यह भी नहीं पता था कि हम भारत में है या पाकिस्तान में। 14 अगस्त 1947 को पाकिस्तान मुस्लिम राष्ट्र के रूप में उभरा। भारत को आज़ादी 15 अगस्त 1947 को मिली और ये धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र बन गया।

हिन्दू- मुस्लिम एक दूसरे को काफ़िर कहके बुला रहे थे। पाकिस्तान से हिंदुओं को तथा भारत से मुस्लिमों को भगाया जा रहा था। उस समय हिन्दू-मुस्लिम एक दूसरे के बहु बेटियों के साथ बलात्कार कर रहे थे। ट्रेनें लासो से भरी आ रही थी। बहुत ही मुस्किल से कोई कोई अपने देश पहुंच गया। कितनो की तो सगे संबंधी काफ़िर देश में ही छुट गए। कितने लोगो का तो घर आधा पाकिस्तान तो आधा हिंदुस्तान में चला गया।

भारत को हिंदुस्तान नाम 1947 के बटवारे के बाद मिला

भारत को आजाद कराने के लिए भगत सिंह आज़द, चंद्र शेखर, राजगुरु, सुखदेव, ना जाने कितने वीरों ने अपनी कुर्बानी दी थी। क्या उन्होंने इसीलिए कुर्बानी दी थी की भारत को आज़ादी इस तरह मिले। भारत के दो हिस्से करके, लोगों को मार के, बहु बेटियो के साथ अप्राकृतिक कृत्य करके। आप सोचो क्या यही हमारी आजादी थी?

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Kanchan Verma

Kanchan Verma is the Author & Founder of the https://frontbharat.com She is pursuing graduation from Banaras (UP) . She is passionate about Blogging & Digital Marketing.

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