Indian History

Story of harappa Sabhyata:- हड़प्पा सभ्यता की खोज तथा सम्पूर्ण जानकारी One Liner में

हड़प्पा खोज की कहानी ( Story of harappa Sabhyata )

Story of harappa Sabhyata :-इस सभ्यता का उदय भारत के पश्चिमोत्तर भाग में हुआ था। एक बार पंजाब में रेलवे ट्रैक बिछाने के लिए खुदाई हो रहा था जो कि आधुनिक पाकिस्तान में है। रेलवे ट्रैक बिछाने के खुदाई के दौरान वहां के मजदूरों को ढेर सारे ईट मिले। इनको इसके बारे में यह ज्ञात नहीं था कि यह किसी सभ्यता के हो सकते हैं। वह सारे बीते चुराके ले गए।

तत्पश्चात सर्वप्रथम 1921 में रायबहादुर दयाराम साहनी एंड माधव शोरूम वत्सले पंजाब के मांड गोगरी जिले के हड़प्पा जो कि आदमी पाकिस्तान में हैं नामक स्थान पर उत्खनन करवाया जहां से प्राचीन सभ्यता के कुछ अवशेष मिले। अगले वर्ष 1922 में राखल दास बनर्जी ने सिंध प्रांत में के जिले मोहनजोदड़ो नामक स्थान पर करवाया और वहां से भी कुछ अवशेष मिले जो बिल्कुल हड़प्पा सभ्यता से मिलता था।

हड़प्पा या सिंधु सभ्यता का नाम कैसे पड़ा

जहां पर सर्वप्रथम हड़प्पा सभ्यता की खुदाई हुई थी उस स्थान का नाम हड़प्पा था इसलिए इसे हड़प्पा सभ्यता का नाम दिया गया।

अधिकतर बस्ती खुदाई के दौरान हमें सिंधु नदी के किनारे बसे हुए मिले इसलिए हम इसे सिंधु सभ्यता के नाम से भी जानते है।

In One Liner

  • हड़प्पा सभ्यता को ‘ सिंधु घाटी‘ सभ्यता के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इस सभ्यता के अधिकांश स्थलों का विकास सिंधु नदी की घाटी में हुआ था।
  • पुरातत्वविदो द्वारा हड़प्पा सभ्यता का काल निर्धारण 2600 ईसा पूर्व से 1900 ईसा पूर्व के मध्य निर्धारित किया गया है।
  • रेडियो कार्बन 14 जैसी नवीनतम विश्लेषण पद्धति द्वारा हड़प्पा सभ्यता का समय 2500 वर्ष पूर्व से 1750 ईसा पूर्व माना गया है जो सर्वाधिक मान्य है।
  • इस सभ्यता का नामकरण हड़प्पा नाम किस स्थान के नाम पर किया गया है जहां या संस्कृति सर्वप्रथम खोजी गई थी।
  • हड़प्पा सभ्यता के प्रमुख केंद्र हड़प्पा, मोहनजोदड़ो, लोथल, धोलावीरा, कालीबंगा आदि थे।
  • हड़प्पा सभ्यता से संबंधित महत्वपूर्ण पूरा वस्तुओं में मोहरे, वाट, पत्थर के फलकपर पक्की हुई ईट इत्यादि मिले हैं।
  • हड़प्पा सभ्यता के लोग अनेक प्रकार के पेड़ पौधों से प्राप्त उत्पाद एवं जानवरों से प्राप्त भोजन का उपयोग करते थे।
  • हड़प्पा सभ्यता के लोग बैल से परिचित थे। पुरातत्वविदो की मान्यता है कि खेत जोतने के लिए बैलों का प्रयोग किया जाता था।
  • राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में स्थित कालीबंगा नामक स्थान पर जूते हुए खेत के प्रमाण मिले हैं।
  • हड़प्पा सभ्यता का सबसे पुराना पूजा गया शहर हड़प्पा था परंतु सबसे महत्वपूर्ण शहर मोहनजोदड़ो था।
  • मोहनजोदड़ो एक सुनियोजित शहर था जो दो भागों में बटा हुआ था।
  • मोहनजोदड़ो में गलियों में सड़कों को लगभग एक ग्रीड पद्धति से बनाया गया था जो एक दूसरे को समकोण पर काटती थी।
  • मोहनजोदड़ो के प्रत्येक आवासीय भवन में एक स्नानघर होता था कई आवासीय भवनों में कुए भी मिले हैं।
  • हड़प्पा सभ्यता के विभिन्न स्थानों पर कुछ सावधान मिले हैं जिनमें मृतकों को दफनाया गया था।
  • हड़प्पा सभ्यता के सिलपो में मन के बनाना, शंख की कटाई, धातु कर्म, मोहर और बाट बनाना आदि शामिल थे।
  • नागेश्वर एवं बालाकोर्ट से संघ प्राप्त किए जाते थे।
  • पुरातत्व विभाग ने राजस्थान के खेतड़ी क्षेत्र की संस्कृति को गणेश्वर- जोधपुरा संस्कृति का नाम दिया है।
  • हड़प्पा सभ्यता के व्यापार विनियम को बांटो कि एक सूचना प्रणाली अथवा पर शुद्ध प्रणाली द्वारा नियंत्रित किया जाता था।
  • मेसोपोटामिया के लेखों में वर्णित मेलूहा संभवत हड़प्पा क्षेत्र था।
  • हड़प्पा सभ्यता में एक पत्थर की मूर्ति मिली है जिसे पुरोहित राजा की संज्ञा दी गई थी और यह नाम आज भी प्रचलन में है।

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हड़प्पा सभ्यता का पतन का कारण ( Causes of the Decline of the Harappan civilization)

  • बाढ़ और भूकंप
  • सिंधु नदी का मार्ग बदलना
  • बर्बर आक्रमण
  • पर्यावरण संबंधी असंतुलन
  • संक्रामक रोग
  • जलवायु परिवर्तन
  • बढ़ती सुसकता कथा एवं घग्घर नदी का सुख जाना

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  • भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के प्रथम डायरेक्टर जनरल एलेग्जेंडर कनिंघम को ‘भारतीय पुरातत्व का जनक’ कहा जाता है।
  • हड़प्पा अथवा सिंधु घाटी की सभ्यता की खोज में दो पुरातत्वविद दयाराम साहनी एवं राखल दास बनर्जी का प्रमुख योगदान रहा।
  • सन 1924 में भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग के तत्कालीन महानिदेशक जॉन मार्शल ने संपूर्ण विश्व के समक्ष सिंधु घाटी में एक नवीन सभ्यता की खोज की घोषणा की थी।
  • हड़प्पा सभ्यता के उत्खनन से प्राप्त वस्तुओं के परीक्षण से ज्ञात होता है कि इस सभ्यता के लोग मातृ देवी आदि शिव की पूजा करते थे।

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Kanchan Verma

Kanchan Verma is the Author & Founder of the https://frontbharat.com She is pursuing graduation from Banaras (UP) . She is passionate about Blogging & Digital Marketing.

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