Gita Ke Anmol Vachan:- गीता का उद्देश्य ही परमात्मा के ज्ञान आत्मा के ज्ञान और सृष्टि विधान के ज्ञान को स्पष्ट करना है। गीता वास्तव में चरित्र निर्माण का सबसे बड़ा और उत्तम शास्त्र है। इसके माध्यम से भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को ही नहीं बल्कि पूरे संस्कार को गीता का उपदेश दिया है। श्रीमद्भागवत गीता को पढ़कर हम अपने जीवन को बदल सकते हैं।
तो आइए श्री कृष्ण द्वारा कहे गए कुछ किताब वचन को हम पढ़ते हैं तथा उससे सीख लेते हैं। अपने जीवन को उत्तम स्तर तक पहुंचाने के लिए सारे वचनों को अच्छे से पढ़े और समझे।
ध्यान से पढ़िए-
- लालच, गुस्सा और वासना तीनों नरक के द्वार है।
- जो खुद पर विश्वास करते हैं वह किसी भी कार्य के लिए भगवान के अलावा किसी और पर आश्रित नहीं होते हैं।
- कोशिश किया जाए तो अपना शांत मन को आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है।
- किसी और का काम पूरी श्रद्धा के साथ करने से अच्छा है कि अपना काम पूरी लगन के साथ करो।
- जो किसी दूसरों पर शक करता है उसे किसी भी जगह खुशी नहीं मिल सकती।
- एक बुद्धिमान व्यक्ति को जीवन का सुख कामुकता से नहीं मिलता।
- सभी अच्छे कार्यों को एक तरफ रख कर, भगवान की भक्ति में लीन हो जाएंगे, तब मैं आपको सभी पापों से मुक्त कर दूंगा, आपको इसकी चिंता करने क जरूरत नहीं है।
- भगवान सबकी मन में बसते हैं और अपनी माया से जैसा चाहे वैसा घड़े की तरह घटते रहते हैं।
।।श्रीमद्भगवद्गीता से अवतरित।।
- मैं सभी प्राणियों के हृदय में विद्यमान हूं।
- सही मायने में चोर वह है जो अपने हिस्से का कार्य किए बिना ही भोजन करता है।
- कर्म किए जा फल की चिंता मत करो।
- बुद्धिमान व्यक्ति को समाज कल्याण के लिए बिना आसक्ति के कार्य करना चाहिए।
श्रीमद्भगवद्गीता से अवतरित।।
- क्रोध मूर्खता को जन्म देता है, अफवाह से अकल का नाश होता है और अक्ल के नाम से व्यक्ति का नाश होता है।
- अपने जरूरी कार्य करना बाकी गलत काम करने से बेहतर है।
- जो लोग इस लोक में अपनी सफलता की कामना करते हैं वह लोग देवताओं की पूजा करें।
- हर कोई खाली हाथ इस दुनिया में आया था और खाली हाथ ही इस दुनिया से जाएगा।
- इंसान नहीं उसका मन किसी का दोस्त या दुश्मन होता है।
- आत्मा अमर है इसलिए मरने की चिंता मत करो।
- परिवर्तन संसार का नियम है, कल जो किसी और का था, आज वह तुम्हारा है, आज जो तुम्हारा है, कल वह किसी और का होगा।
।।श्रीमद्भगवद्गीता से अवतरित।।
- जो भी इंसान चीज भी किसी देवता में विश्वास रखता है तथा उनकी पूजा करता है मैं उनमें ही उनके विश्वास को दृढ़ कर देता हू।
- संसार में ऐसे लोग कम ही होते हैं जो कठोर परंतु हित की बात कहने वाले होते हैं।
- अहंकार मनुष्य का बहुत बड़ा दुश्मन है, वह सोने को भी मिट्टी बना देता है।
- हम प्रयास के लिए उत्तरदाई है ना कि परिणाम के लिए।
- फल की अभिलाषा छोड़कर कर्म करने वाले मनुष्य ही सफल होते हैं।
- बुद्धि से विचार कर किए गए कार्य ही सफल होते हैं।
।।श्रीमद्भगवद्गीता से अवतरित।।
- धर्म करते हुए मर जाना अच्छा है पर पाप करते हुए जीत जाना अच्छा नहीं है।
- मानव जी सच में मन लगा देता है उसे वह श्रम से हासिल कर सकता है।
- जिसके पास बुद्धि है बल उसी के पास है।
- इस दुनिया में दुर्लभ कुछ भी नहीं है अगर उत्साह के साथ किया जाए तो।
- पीड़ा से ही दृष्टि मिलती है इसलिए आत्मपीड़न हीं मार्गदर्शन का माध्यम है।
- तो आप ही परम कल्याण का साधन है। दूसरे सारे सूखा ज्ञान मात्र है।
।।श्रीमद्भगवद्गीता से अवतरित।।
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